उत्तरकालीन राजा
उत्तरकालीन राजा के शासनकाल
उत्तराधिकार युद्ध के गुरु गोविन्द सिंह ने बहादुरशाह का साथ दिया था.
बहादुरशाह का पर्व नाम मुअज्जम था.
बहादुर शाह को शाह-वे-खबर के उपनाम से पुकारा जाता था.
जहाँदारशाह अपने शासन में लाल कुमारी नाम की वेश्या को हस्तक्षेप करने का आदेश दे रखा था.
मुगलकालीन इतिहास में सैयद बन्धु हुसैन अली खाँ और अब्दुल्ला खाँ को शासक निर्माता के रूप में जाना जाता है.
जहाँदार शाह को लम्पट मुर्ख भी कहा जाता था.
फर्रुखसियर को मुग़ल वंश का घृणित कायर कहा गया है.
सुन्दर युवतियों के प्रति अत्यधिक रुझान के कारण मुहम्मदशाह को रंगीला बादशाह कहा जाता था.
तूरानी सैनिक हैदरबेग ने 9 अक्टूबर 1720 ई को सैय्यद बन्धु हुसैन अली खाँ की हत्या कर दी.
ईरान फारस के सम्राट नादिरशाह ने 1739 ई में दिल्ली पर आक्रमण किया. उस समय दिल्ली का शासक मुहम्मदशाह था. नादिरशाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है.
नादिर शाह लगभग 70 करोड़ रूपये की धनराशि और शाहजहाँ का बनवाया हुआ तख्ते ताउस (मयूर सिंहासन) पर बैठने वाला अंतिम मुग़ल शासक मुहम्मदशाह था.
शाह आलम-II अली गौहर के शासन काल में 1803 ई में अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया.
पानीपत का तृतीय युद्ध 1761 ई में मराठा और अहमदशाह अब्दाली की सेना के बीच हुआ. इस युद्ध में मराठों की हार हुई थी.
गुलाम कादिर खाँ ने 1806 ई को शाहआलम-II की हत्या करवा दी.
बहादुरशाह-II जफ़र अंतिम मुग़ल सम्राट था.
1857 ई की क्रांति में भाग लेने के कारण अंग्रेजों द्वारा बहादुरशाह जफ़र को बंदी बना किया गया और रंगून भेज दिया.
अहमदशाह अब्दाली का वास्तविक नाम अहमद खाँ था. इसमें आठ बार भारत पर आक्रमण किया.
उत्तरकालीन राजा
मुगलो से स्वतंत्र होने वाले राज्य और संस्थापक
अवध – सआदत खाँ
हैदराबाद – चिनकिलिच खाँ या निजाम-उल-मुल्क आसफ जाह
रूहेलखंड – वीर दाउद और अली मुहम्मद खाँ
बंगाल – मुर्शिदकुली खाँ
कर्नाटक – सादुतुल्ला खाँ
भरतपुर – चूरामन और बदन सिंह
मुग़ल सम्राट मुहम्मद शाह ने सआदत खाँ को बुहरान-उल-मुल्क की उपाधि दी. सआदत खाँ का असली नाम मीर मुहम्मद अमीन था.
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